पीपल चूर्ण
पीपल के पेड़ की लकड़ी का मेधाशक्तिवर्धक प्रमाण शास्त्रों में वर्णित है। पीपल की पुरानी, सूखी लकड़ी से बने गिलास में रखे पानी को पीने से अथवा पीपल की लकड़ी का चूर्ण पानी भिगोकर छना हुआ पानी पीने से व्यक्ति मेधावी होता है। पित्तसम्बन्धी, शारीरिक गर्मी सम्बन्धी तमाम रोगों पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। शर्बत, ठंडाई आदि बनाते समय इस चूर्ण को कुछ समय के लिए पानी में भिगो दें या चूर्ण को पानी में उबालकर छान लें तथा ठंडा कर शर्बत, ठंडाई आदि में मिलाकर पियें।
पीपल के हरे पेड़ काटना अशुभ व हानिकारक है।